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  • kewal sethi

अदानी अदानी

अदानी अदानी

हिण्डनबर्ग ने अब यह क्या ज़ुल्म ढाया

जो था खुला राज़ वह सब को बताया

जानते हैं सभी बोगस कमपनियाॅं का खेल

नार्म है यह व्यापार का चाहे जहाॅं तू देख

टैक्स बचाने के लिये कई देश रहते तैयार

देते हर तरह की सुविधा वह बिना तकरार

पूरे व्यापार को है खुला उन की एहलान

तुम रोक सको तो रोक लो हमारी उड़ान

राज़ यह है अदानी को चुना क्योंकर

ऐसी क्या खता हुई उस से आखिर

माना मोदी के साथ उस का है याराना

भला सरकार से कौन रह सका बैगाना

उसी से मिलती हैं उन्हें सब सहूलियात

जिस से व्यापार करता तरक्की दिन रात

जलते हैं दूसरे व्यापारी देख कर इसे

लगता है उन्हें कम हुये उन के हिस्से

या फिर यह भी हैं मुमकिन अफसाना

निगाहें कहीं, कहीं दूसरे पर है निशाना

चैबीस अब दूर नहीं है, जानते हैं सब

अगर यही माहौल रहा, डूब जाये गे हम

इस लिये बदनाम करने की यह कहानी

चोर चोर मौसेरे भाई यह कहावत पुरानी

कुछ उस की साख गिरे तो सम्भलें हम

गिरे वह नज़र से तो आये दम में दम

हर किसी की उसे गिराने की है तैयारी

पर आये गा कौन, यह रूकावट भारी

इस पर इतफाक राय होने में है कसर

जगह खाली हो तो फिर सोचें गे हम

चला है क्या उन का शातिर दिमाग

मौका पाया है घेरने का उसे आज

कहीं जे पी सी का हौवा है दिखाया

कही सुप्रीम कोट का द्वार खटखटाया

सुप्रीम कोर्ट को दिखा इस में रास्ता

शायद टल जाये कालेजियम पर खतरा

अदानी का क्या है बिछा ले गा बिसात

पैसे के ज़ोर से चलती सब की बारात

माना भाव कम हुये कम्पनियों के शेयर

पर ढेरों में कुछ निकालो तो भी है ढेर

दो नम्बर पर न सही, बहुत है क्रम बीस

अभी भी खिला सकता है सब को फीस्ट

कक्कू कवि के न शेयर है न कोई भागीदारी

फिर भी शुगल अच्छा है सो लिख दी शायरी

(20 फरवरी 2023)



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