just when i said rahul has matured, he made the statement
"the fight is about whether a sikh is going to be allowed to wear his turban in india or a kirpan or a kada in india. or he, as a sikh, is going to be able to go to gurudwara."
my response
the agenda is clear as a day
no doubt and no sugestion
went to usa to get tutored
what next was the question
they told him divide, divide
and just increase the tension
he demurred saying already
followed agenda as drawn
he is doing his best to divide
with his mahabbat ki dukan
what more is expected of him
he begged for clear instructions
so they suggested the next step
he accepted without hesitation
अब तो एजैण्डा बिल्कुल साफ साफ है।
नहीं इस में शक केी कोई गुंजाईष है।
अमरीका बस यही पूछने वह गया
अब और क्या है उस से अपेक्षा
उस ने तो भरसक किया था प्रयास
हर ओर नफरत का किया विकास
सनातन पर हुआ था जब हमला
वह भी उस की षह पर तो था
बताया कि खतरे में है अब आरक्षण
बदल सकता संविधान किसी भी क्षेण
संवारी छवि भी जैसी थीे अनुषंसा
शायद इस से ही समझें उसे महात्मा
उŸार दक्षिण पूर्व पष्चिम पेदल चल कर
सन्देष नफरत को फैलाया पग पग पर
दुग्नी हुई संख्या यह हुआ इस से फायदा
पर फिर भी रही कसर उस पद पर न बैठा
आगे के लिये क्या आदेष है बतलाओ
गद्दी पाने के लिये एक नुसखा तो सुझावो
कहा आका ने अब बस इतना कर जाओं
जल्दी से एक नया पाकिस्तान बनाओ
पर कैसे जब वह ममता बैठी बंगाल में
कर रही यही कोषिष वह कई साल से
मेरा वहॉं जाना भी है अब तो मुहाल
ऐसे में कैसे चल सकता हूॅं यह चाल
बोले वह कि तुम हो अकल के दुष्मन
वह पूर्व में है तुम को जाना है पष्चिम
वह तो नाम लिया हम ने पाकिस्तान का
पर असली विचार था खालिस्थान का
आदेष यही है अब उन का उकसाओं
जल्दी से तुम एक नया देष बनाओ
पंजाब ग्या तो कष्मीर हो गा अपने हाथ
उŸार पूर्व पर भी बिछा रहे हम बिसात
फिर द्रविड़स्तान की भी आये गी बारी
एक एक कर आगे बढ़ना चाल हमारी
बटे गा हिन्दुस्तान तो अपना हो गा राज
बदले में हम बना दें गे तुम को सरताज
खुष वह यह सुन का पक्का वायदा
झट दे दिया ब्यान जैसे उन्हों ने कहा
सिख न ले सकते किरपान न सुरक्षित कड़ा
गुरूद्वारे जाने का अब मार्ग अब हे रोका
शायद इतना कहने से लग जाये पहॉं आग
फिर तो सेक सकें गे हम तुम अपने हाथ
बस यही बात थी कक्कू कवि को समझानी
समझ सकों तो अच्छा वरना साये रहो हिन्दुस्तानी
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