odd even ka chakkar
यह छोटे छोटे रस्ते, यह बड़ी बड़ी सी कारें
हैरान थी हमारी दिल्ली, कैसे इन्हें सम्भाले
कूॅंदा विचार अतुल्य केजरीवाल के मन में
आधी कर दें कारों की संख्या तो बात जमें
कर दिया अचानक आड ईवन का एहलान
भौंचक्के रह गये सभी यह कैसा हुआ निदान
लगे सोचने हो गा क्या इस का जीवन पर असर
इस को, उस को, इस बंदिश से निकाला बाहर
दिन आया शुरू करने का, सब थे घबराये
जाने कौन इस में फंस कर ही रह जाये
यह आड ईवन का चक्कर, जाना जो हो बाहर
सोचते हैं कि आज इस्तेमाल कौन सी कार
खैर दिन गुज़र गया हुआ न कोई बवाल
चालान तो हुए पर नहीं आया कोई भूचाल
दिन पंद्रह की बात है सब का था विचार
किसी तरह से कर ले गे इस को भी पार
दावा है सरकार का कि सफल रहा तजरबा
बढ़ गया है इसी से मुख्य मन्त्री का रुतबा
इतिहास में आगे इन्हीं का हो गा जब जि़कर
निजात प्रदूशण से दिला दी ब्याॅं करे गा हर बशर
मोदी बेचारा भी कुछ निकाल सका न बहाना
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस को खुले मन से सराहा
सरकार खुश है उस ने इस इम्तिहाॅं से पार पाया
राहत है दिल्ली को कि इसे आगे नहीं बढ़ाया
इस तरह ही घिसटते हुए चलती है दिल्ली हमारी
सालों से है यही खसियत तो है इस की प्यारी
25 जनवरी 2016
Comments