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my take on emergency

  • kewal sethi
  • Jun 28, 2020
  • 2 min read

was written when emergency was barely weeks old.

does it capture the initial excitement.


2. आपात कालीन स्थिति पर


लो बीवी जल्दी से खाना दे दो

एमरजैन्सी आई है


जल्दी मुझ को दफतर जाना होगा

पहले आने वालों में नाम लिखाना होगा

फिर फ़ाईलों के अम्बार से जुट जाना होगा

सारा काम शाम तक कर दिखलाना होगा

अब तो ऐसी सर पर बन आई है

लो बीवी जल्दी से खाना दे दो

एमरजैन्सी आई है


जाने दो सब जानती हूँ मैं नित नया बहाना बनाते हो

दफतर में बैठ कर गप्पें लड़ाते, मुझ को यूँ डराते हो

नित नयेे मनगढंत किस्से खुद सुनते हो सबको सुनाते हो

जब भी रहना हो दफतर में देर तक ऐसी बात बनाते हो

लगता है दफतर में फिर नई टाईपिस्ट लड़की आई है

लो बीवी जल्दी से खाना दे दो

एमरजैन्सी आई है


नई लड़की, राम दुहाई, यह तो साक्षात काली माई है

अफसरों तक की इस ने तो कर दी तबाही है

जानती हो अब उन्हें भी सुबह हाज़िरी भरना होता है

दोपहर के खाने के बाद होती उन की भी ढुँढाई है

सब काँपते इस के डर से ऐसी कयामत आई है

लो बीवी जल्दी से खाना दे दो

एमरजैन्सी आई है


लगता है तुम ने फिर से अखबार पढ़ना छोड़ दिया है

दौबारा पड़ोसन से गप्पों का सिलसिला जोड़ लिया है

घर के काम में लगी ऐसे दुनिया से मुँह मोड़ लिया है

नहीं जानती विरोधी पक्ष ने अपना माथा फोड़ लिया है

क्या जानों तुम एमरजैन्सी क्या क्या सौगात लाई है

लो बीवी जल्दी से खाना दे दो

एमरजैन्सी आई है


चीनी हो गई है सस्ती, कम से कम यह तो जानती होगी

सड़कें गलियाँ साफ़ हो गई यह भी तुम मानती होगी

अब दिन रात के जलूस बन्द सब तरफ सुख शाँति होगी

रिशवत लूटमार अब होगी बन्द, खत्म बद दयानती होगी

देश में अमनो अमान की नई लहर आई है

लो बीवी जल्दी से खाना दे दो

एमरजैन्सी आई है


अब तो दफतर में हैं गप्पें बन्द, हो गया खत्म आराम

कर दी है कैण्टीन भी बन्द, ऐसा है यह नया निज़ाम

जनता अब चक्कर नहीं लगाती न दुआ है न सलाम

बिना ऊपर की आमदनी के अब तो करना होगा काम

तुम इतने में मैके हो आओ जब तक यह कड़ाई है

लो बीवी जल्दी से खाना दे दो

एमरजैन्सी आई है


नादाँ नहीं समझती हूँ मैं सब मुझे यूँ समझाते क्या हो

इस ऊपरी टीप टाप से मुझ को ऐसे बहलाते क्या हो

सब पुराने ढर्रे पर ही है चलता, मलमा चढ़ाते क्या हो

चंदा लेने के तरीके बदले बस, नया बतलाते क्या हो

बदले गी नियत सब जन की, तभी देश की भलाई है

लो बीवी जल्दी से खाना दे दो

एमरजैन्सी आई है


(दिल्ली - 18.8.75)


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