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रास्ते की बात

  • kewal sethi
  • Aug 2
  • 2 min read

रास्ते की बात


मेरे रास्ते में एक सड़क पड़ती है साईमन बोलीवर मार्ग। आते जाते कभी यह नहीं जाना कि यह बोलीवर थे कौन। कोई साघू संत हों गे। भारत में संतों का विशेष आदर है अतः उन के नाम पर सड़क का नाम रख दिया तो कोई बड़ी बात नहीं। ऐ्रसे ही एक बार उत्सकतावश गूगल पर देखा। पता लगा कि बो्लीवर संत नहीं थे, स्वतन्त्रता संग्राम सैनानी थे, कहीं दक्षिण अमरीका के किसी देश के।

खैर, यह बात साईमन बोलीवर की नहीं है। इस बोलीवर साईमन मार्ग के दोनों तरफ उद्यान हैं। एक ओर बुद्ध जयन्ती उद्यान, दूसरी ओर महावीर उद्यान। दो महापुरुषों के नाम से विख्यात उद्यान दोनों तरफ। हरे भरे। वृक्ष ही वृक्ष। न जाने क्यों इन के नाम के सामने इनसाफ बाग लिख दिया गया है किसी हाई कोर्ट के आदेश के कारण। पर आज की बात उस की नहीं है। और बात इन उद्यानों की भी नहीं है।

अब उद्यान हैं, वृक्ष हैं तो बन्दर भी हो गे ही। ढेर सारे हैंं। और आज की बात इन्हीं बन्दरों की है।

अब बन्दर है तो केले के शौकीन तो है ही और उन्हें आते जाते केले खिलाने वाले शौकीन भी हैं। कार से आते हैं और केले खिलाते हेैंं यह पशु प्रेमी। अब केले खाने वाले हैं, केले खिलाने वाले हैं तो ज़ाहिर है कि केले बेचने वाले भी हो्रं गे। वहीं स्रे केल्रे खरीदे, वहीं खिलाये और अपने रास्ते चले कार वाले।

अकसर आते जाते देखा कि केले वाला हर समय तो केले बेचता नहीं र्है और कार वालों का पता नहीं कब आ जायें, इस लिये बैठना भी पड़ता है। और केले बेचने वाला जब थक जाता है बैठे बैठे, तो लेट जाता है और एक झपकी भी ले ही ल्रेता है।

एक दिन रहा नहीं गया। केले वाले के पास रुका। रुका तो केले खरीदने ही थे पर वास्तव में वह कारण नहीं था। मैं तो केवल यह पूछना चाहता था कि वह सो जाता है तो केले की हिफाज़त कौन करता है। बन्दर तो केले के शोकीन है। उठा कर ले जायें तो।

उस ने जो जवाब दिया, वह विचार करने योग्य है। उस ने कहा, ‘‘बन्दर आदमी से ज्यादा हुश्यार है। बन्दर को पता है कि अगर उस ने मेरे केले खा लिये तो मैं वहॉं बैठना बन्द कर दूॅं गा। बैठना बन्द कर दूॅं गा तो उस को केले मिलने बन्द हो जायें गे। आगे की सोच कर वह आज आराम से बैठता है। उसे देने पर ही वह खाता है। आदमी तो लालची हैं। वह तो अभी सब कुछ लेना चाहता है। सोने का अण्डा देने मुर्गी को काटता है कि सब अण्डे आज ही मिल जायें। पर बन्दर ऐसा नहीं करता। मेरे केले सुरक्षित रहते हैं’’।

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