top of page

पहचान

  • kewal sethi
  • Aug 30
  • 2 min read

पहचान

मैं अपने रास्ते से जा रहा था। रास्ता ज़रा संकरा सा था। इतना संकरा कि दो व्यक्ति साथ साथ नहीं चल सकते थे। वह महिला सामने से आ रहीं थीं। बचने की कोई गुंजाईश नहीं थी। और फिर हम आमने सामने थे। मैं थोड़ा सिकुड़ कर रास्ता देने की सोच रहा था पर रुक गया। वह ही बोलीं -

- ज़रा थोड़ा सा एक तरफ हो जायें तो मैं गुज़र जाऊॅं।

- मैं सोच रहा था।

- इस में सोचने की क्या बात है।

- नहीं मैं इस बारे में नहीं सोच रहा था।

- तो

- आप गीता साहनी को जानती हैं?

- मतलब?

- आप की शकल उन से बहुत मिलती है

- क्यों नहीं मिले गी, हम बहनें है।

- ओह! इसी कारण

- आप गीता को कैसे जानते हैं।

- वह मेरे साथी अधिकारी की धर्मपत्नि हैं।

- पर वह तो भोपाल में रहती हैं।

- मैं भी भोपाल में ही रहता हूॅं।

- आप दिल्ली में क्या कर रहे हैं।

- मेरे भाई साहब यहॉं रहते हैं। उन से मिलने आ जाता हूॅं।

- बड़ी खशी हुई आप से मिल कर। गीता को कहिये गा, सुनीता नमस्ते कह रही थी।

- जी बिल्कुल

- और यह भी कहिये गा कि मनोहर डेरी की जो कचौड़ी उन्हों ने भेजी थी, वह बहुत अच्छी थी

- मिलूॅं गा तो यह सन्देश उन्हें दे दूॅं गा। और कुछ?

- अगली बार जब दिल्ली आईये गा तो कचौड़ी लेते आईये गा।

- जी, अगली बार आने से समय गीता जी से मिल कर आऊॅं गा। अगर उन्हों ने कचौड़ी दी तो ज़रूर लाऊॅं गा।

- गीता क्यों दे गी। मैं ने तो सोचा था कि अब जब वाकफियत हो गई हैं तो आप ले ही आयें गे।

- अभी वाकफियत कहॉं हुई है। अभी तो सिर्फ पहचान हुई है।

- तो वाकफियत कैसे हो गी।

- जब आप मेरे को अपने घर पर चाय नाश्ते के लिये बुलायें गी।

Recent Posts

See All
एक शाम साथ में

एक शाम साथ में (इस बार मेरे पास इस लेख की तारीख है। यह 4.12.1965 है, बहुत समय पहले) 1 चौराहे पर पहुँचकर वह थोड़ा हिचकिचाया, लेकिन उसे ज़रा भी हिचकिचाहट नहीं हुई। धीरे से उसने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा औ

 
 
 
मन का चैन

मन का चैन - कहो ललिता बहन, कैसी हैं। - सब ईश्वर की कृपा है। - और बहु कैसी है। - सिरफिरी, कहना ही नहीं मानती, मनमर्जी करती है। - क्येां क्या हो गया। वह तो इतनी सुशील है। काम में भी चुस्त और बात में भी

 
 
 
पहचान

पहचान - तुम्हें मालूम है, तुम्हें थाने क्यों बुलाया गया है? - आप बताईये। मुझे तो मालूम नहीं। - दिखते तो हो सीखिया पहलवान पर चार चार व्यक्तियों को तुम ने चोट पहॅंचाई है। - मैं ने ऐसा कुछ नहीं किया। - इ

 
 
 

Comments


bottom of page