top of page

उपराष्ट्रपति चुनाव

  • kewal sethi
  • Sep 12
  • 2 min read

उपराष्ट्रपति चुनाव


समाचार है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में 12 सांसदों ने मतदान नहीं किया और 15 सांसदों के मत पत्र अवैध पाये गये।

इस में कोई हैरानी की बात नहीं है। यह तो हमारी परम्परा के अनुरूप है बल्कि आश्चर्य तो यह है कि अधिक मतपत्र अवैध क्यों नहीं पाये गये। अधिक सांसद अनुपस्थित क्यों नहीं रहे।

वह प्रसिद्ध वाक्य तो आप सब को याद ही हो गा -

कोउ नृप भये, हमें का हानि। दासी छोड़ अब भये न रानी।

काय को इतनी परेशानी उठाना। जो भी जीते, हमारी बला से। वैसे भी राज्य सभा में कौन सी बहस होती है जिस में हम भाग ले सकते हैं। हल्ला मचाना, वाकआउट करना, कार्रवाई को रोकना, यही सब तो होता है। अब उस के अध्यक्ष का एक मात्र कार्य तो सभा को स्थगित करने का ही रहता है।

कुछ अन्य सांसद इस मत से सहमत नहीं थे। इस लिये वह मतदान करने गये। देश में प्रजातन्त्र है, ऐसा उन्हें बताया गया था। प्रजातन्त्र का एक मात्र अर्थ मतदान करना है। और कोई प्रयोजन तो प्रजातन्त्र का है नहीं। जनता तो 1952 से मतदान करती आ रही है क्येांकि देश में प्रजातन्त्र है और आगे भी करती रहे गी। हमारा भी यही कर्तव्य है। इस लिये प्रजातन्त्र की रक्षा के लिये मतदान तो करना ही है।

पर अब किस के पक्ष में करें। अपने को तो हाई कमाण्ड के कहने पर हाथ उठाना है, हल्ला करना है चाहे कोई भी अध्यक्षता कर रहा हो। इस लिये दोनों को ही वोट दे दो। जो भी जीते, वह हमारा ही हो गा क्योंकि हम ने उन दोनों को वोट दिया है। पता नहीं, हमारा वोट अवैघ क्यों माना गया। दोनों ओर ही इसे गिन लेते। हारजीत में अन्तर थोड़े ही आना था। व्यर्थ में कहा गया कि हम मतदान करना नहीं जानते। हम जानते है पर अपनी मर्ज़ी से कार्य करते हैं। गुप्त मतदान का यही तो लाभ है। इस में बदनाम करने की क्या बात है।

Recent Posts

See All
भूल ही तो है

भूल ही तो है  सुनो जी, जिस ढाबे पर हम ने खाना खाया था .....  बिल्कुल, बहुत बढ़िया खाना था।  मैं खाने की बात नहीं कर रही।  हॉं हां, उस का गुलाब जामुन भी बहुत स्वादिष्ट था।  मैं गुलाबजामुन की बात नह

 
 
 
रोटी रोज़ी

रोटी रोज़ी कालेज छोड़ने के सात आठ साल बाद एक क्लास फैलो मिले। दुआ सलाम हुई। ऐसे में यह प्रश्न पूछना तो स्वाभाविक है कि आजकल क्या कर रहे हो...

 
 
 
वृद्धाश्रम

वृद्धाश्रम प्रवेश ने जैसे ही घर में प्रवेश किया, सास बहु की तेज़ तेज़ आवाज़ कानों में पड़ी। यह नई बात नहीं थी। कई बार ऐसा होता था।  - बस करो...

 
 
 

Comments


bottom of page