top of page

तराना इण्डिया

  • kewal sethi
  • Jul 22, 2023
  • 2 min read

तराना इण्डिया


बंगलुरु के सुहाने मौसम में मिल कर संकल्प ठहराया है

दूर हटो मोदी भाजपा वालो, हम ने इण्डिया नाम धराया है

इण्डिया अब नाम हमारा, तुम्हारा अब यहॉं क्या काम है

इण्डिया की गद्दी छोड़ो, इस लिये अपनाया यह नाम है


ममता . मैं सारे इण्डिया को बना दूॅं गी पश्चिम बंगाल।

नितीश — सारे भारत का हो गा बिहार जैसा हाल बेहाल।

स्टालिन — सभी राज्यों के राज्यपालों को मिट्टी में मिला दूॅं गा।

राहुल — प्रधान मन्त्री कोई भी बने रिमोट तो मैं ही रखूॅं गा।

पवार — अब राजनीति में भतीजावाद नहीं चलने दूॅं गा।

गेहलोत — किसी निकम्मे को प्रधान मन्त्री बना दूॅं गा।

पिनारयी — सिर्फ केरल छोड़ कर बाकी तुम्हारा।

केजरीवाल — दिल्ली हमारी, इण्डिया भी हमारा।


कोरस — जो सब से पीछे हो गा, वही तो परम पद पाये गा।

वोटर की करें ऐसी तेसी, कुर्सी पर गर बिठाये गा।


ममता — जीता है जैसे पंचायती चुनाव वही गुर अपनाऊॅं गी

मिल जाये दिल्ली की गद्दी सब को नाच नवाऊॅं गी

नितीश — सब को जमा कर मैं तो अपना रुतबा बढ़ाऊॅं गा

पटना सौंपूॅं तेजस्वी को दिल्ली में जम जाऊॅं गा

स्टालिन — नहीं दिल्ली से मुझको मतलब दिल्ली तो है दूर

बस पुराने चोला अधिराज सा बनना मुझे मंज़ूर

राहुल — मैं रहूॅं आगे, मेरी मॉं हो साथ में और हो प्रियंका

इतनी सी आशा हमारी ताल पर नाचे भारत अपना

पवार — भतीजा कहता है अस्सी के हो गये अब लो सन्यास

तम्मना बस आखिरी अपनी बेटी के सर पर हो ताज

केजीवाल — राज्यपाल से मिले छुटकारा, बनूॅंं गर प्रधान मन्त्री

राज्यपालों की रोज़ क्लास से भरी हो ज्रिदगी अपनी

पिनारयी — साम्यवाद तो आने से रहा पर साम्यवादी कहलाऊॅं

दुबई से मंगा कर सोना सोने की नगरी मैं बनाऊॅं


कोरस — जो सब से पीछे हो गा, वही तो परम पद पाये गा।

वोटर की करें ऐसी तेसी, कुर्सी पर गर बिठाये गा।

Recent Posts

See All
बताईये

बताईये एक बात मुझे आप को है आज बतानी मेरे लिये अहम है आप के लिये बेमानी कालेज में एक लड़की, भला सा है नाम देखती रहती हे मेरी तरफ बिना...

 
 
 
व्यापम की बात

व्यापम की बात - मुकाबला व्यापम में एम बी ए के लिये इण्टरव्यू थी और साथ में उस के थी ग्रुप डिस्कशन भी सभी तरह के एक्सपर्ट इस लिये थे...

 
 
 
दिल्ली की दलदल

दिल्ली की दलदल बहुत दिन से बेकरारी थी कब हो गे चुनाव दिल्ली में इंतज़ार लगाये बैठे थे सब दलों के नेता दिल्ली में कुछ दल इतने उतवाले थे चुन...

 
 
 

Comments


bottom of page