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तीन शेर

  • kewal sethi
  • Aug 13, 2020
  • 1 min read

तीन शेर


उजड़े हुए मज़ार पर किसी ने दिया जला दिया

भूल चुका था हसरतें फिर से याद दिला दिया


बहार गुज़र चुकी थी जब, खज़ाॅं के पत्ते भी झड़ने लगे

जो सजाये थे खवाब जिंदगी के वह भी बिखरने लगे


क्यों किसी ने चुन के तिनके आशयाॅं बना दिया

उजड़े हुए मज़ार पर किसी ने दिया जला दिया


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