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गीत

  • kewal sethi
  • Aug 16, 2020
  • 1 min read

गीत


इस धरती पर मैं ने जन्म लिया

इस धरती के भाग जगा दूॅं गा

जब जब ज़रूरत पड़े गी इस को

इस पर अपना शीष चढ़ा दूॅं गा


यह भूख से बिलखती संतानें

यह रोटी के टुकड़े चुनने वाले

यह पैसे पैसे पर लड़ने वाले

यह खुशी की शकल न पहचानें

मैं इन्हें इनका हक दिला दूॅंगा

जब जब ------


कब तलक चले गा ज़ुल्मो सितम

कब तक इंसान को ढोये गा इंसान

कब तलक चले गा सब्र का इम्तिहाॅं

कब बदले गा यह बोसीदा निज़ाम

मैं इंसान को इंसान बना दॅूं गा

जब जब ----

(भोपाल - अगस्त 1971 )


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