सौदा
- kewal sethi
- Jul 18, 2023
- 2 min read
सौदा
- हैलो
- सिन्हा साहब बोल रहे हैं?
- जी, मैं सिन्हा बोल रहा हूूॅं। आप कौन?
- मैं संतोष हूॅं, संतोष मित्रा
- कहिये मित्रा जी, मैं क्या सेवा कर सकता हूॅं?
- नहीं, नहीं, सेवादार तो हम हैं।
- फरमाईये
- आप के दोस्त ने मुझे आप का नम्बर दिया था।
- जी, फिर
- उस ने बताया था कि आप मकान में रुचि रखते हैं
- तो
- मेरे पास एक बहुत ही शानदार लोकेशन वाला मकान है।
- गुड
- वैसे तो इस के लिये 28 लाख की आफर है पर आप को 24 में दिला सकता हूॅं।
- मुझ पर इतनी कृपा क्यों?
- असल में मैं एक सप्ताह से अस्वस्थ चल रहा था। आज ही वापस काम पर आया हूॅं। इस लिये आप से ही बोनी करना चाहता हूॅं। दोस्त का दोस्त तो दोस्त ही होता है न।
- विचार तो आप का ठीक है पर ....
- देखिये, बिल्कुल मौके का मकान है। मैट्रो स्टेशन सिर्फ पॉंच मिनट दूर है। मार्केट भी एक दम लगी हुई है।
- अच्छा है।
- तो मैं कब हाज़िर हो जाऊॅं।
- देखिये, कल तो मैं थोड़ा बिज़ी हूॅं। आप परसों आ जाईये।
- जी बेहतर
- ग्यारह बजे। और हॉं, दो लाख रुपये लेते आईये गा।
- दो लाख? मैं ने मकान बेचने की बात की है, खरीदने की तो नहीं।
- वह ऐसा है कि जिस दोस्त ने आप को मेरा नम्बर दिया, उस ने शायद आप को यह नहीे बताया कि मेरी पोज़ीशन क्या है।
- मतलब?
- मतलब, मेरे पास एक बंगला हैं। तीन तरफ से खुला, गैराज भी है। सर्वेंट क्वार्टर भी है।
- यानि कि आप को मकान की ज़रूरत नहीं है।
- ज़रूरत तो सब को रहती है। मुझे भी, आप को भी। पर इस बंगले की कीमत बाज़ार में 70, 75 लाख हो गी। पर अब हमारी इतनी अच्छी दोस्ती हो गई है तो मैं आप को 65 में दिलवा दूॅं गा।
- यानि कि आप भी ......
- जी बिल्कुल। तो आप आ रहे न परसों, ग्यारह बजे।
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