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तहलका

  • kewal sethi
  • Jul 3, 2020
  • 2 min read

it would be remebered that tahalka.com started the noble practice of arresting corruption on camera. one of those caught was president of a party. my reaction to this event was put in verse. here it is.

you can peruse it on your own risk



5. तहलका


धूम तहलका डाट काम की चारों तरफ ऐ हिन्दुस्तान

बन्द कर दिया कैसे कैमरे में यहां का सारा निज़ाम

कैसे, किस तरह काम चलता है यहां पर सरकार का

यह विषय था आज तलक किस्सा राज़ दरून परदा

बाज़ार के असूल हैं, उन्हें भी नेताओं ने भुला दिया

अपना भाव यूं सरे आम उन्हों ने क्यों गिरा लिया

जिस देश में नेता ईमान बेचें, ले कर बस एक लाख

उस की विदेशी कम्पनियों में रह जाये गी क्या साख

उन से तो अच्छे हैं हमारे डी डी ए के कार्यपालन यंत्री

एक करोड़ से कम तो कभी तलाशी में रकम नहीं मिलती

दर असल हक मार रहा है वी आई पी कमज़ोर तबके का

कब तलक रहे गा वह इस माहौल में यूं दुबका हुआ

अगर दल का अध्यक्ष का मन बस एक लाख से भर जाये गा

तो बताईये भला, दफतर का बाबू फिर क्या खाक खाये गा

हमारे एक दोस्त का तो इस बारे में यह भी ख्याल है

भ्रष्टाचार को मिटाने की यह भाजपा की गहरी चाल है

जब रिश्वत देने की बात हर कोई यूं जान जाये गा

तो व्यापारी अफसर को डाली देने से भी घबराये गा

कुछ ले दे का मामले को रफा दफा करना चाहे गा

तो थानेदार बेचारा उसी में ही कैमरे में धरा जाये गा।

इस तरह यदि रिश्वत का बाज़ार ठण्डा पड़ता जाये गा

काम आज दिनों में होता है जो, वर्षों लटक जाये गा

इलाज है बस यही, तहलका वालों को कड़ी सज़ा दीजिये

दस पन्द्रह साल के लिये सलाखों के पीछे भिजवा दीजिये।

काम रुकना नहीं चाहिये कभी सरकार की मशीन का

मिलता रहे रिश्वत का तेल तभी तो गाड़ी रहे गी रवां

कहें कक्कू कवि, मिल कर आज वह आलम पैदा करें

बन्द करें यह लुका छिपी, भ्रष्टाचार हमेशा फलता रहे


केवल कृष्ण सेठी

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