top of page
  • kewal sethi

सेवानिवृति के बाद

  1. सेवानिवृति के बाद

रिटायर हुए, दफतर से मिली नजात, तो हमें ख्याल आया

समय काटने का, कुछ अतिरिक्त कमाने का सवाल आया

इधर उधर देखा, पढ़ा, लोगों की सलाह भी पाई

बना कर एक एन जी ओ झट रजिस्टर करवाई

कुछ देश की खिदमत भी हो जाये कुछ जेब भी भर जाये

कुछ दुनियादारी में रुतबा बढ़े, कुछ आकबत भी सुधर जाये

बहती नदी में से तुम भी अपना हिस्सा वसूल कर लो

भूखे भक्ति न होये गुसाईं इस बात को कबूल कर लो

यह नहीं कहता कि दूसरों का दुख दर्द बांटना फर्ज नहीं है

पर अपनी भी बन जाये बात इस में तो कोई हर्ज नहीं है

गुज़ारा है वक्त नौकरी में तुम ने ऐशो आराम से

अब तो माल कमाना होगा तुम्हें कुछ काम से

रिपोर्ट लिखो, भाषण दो, आयोजित सैमीनार कर लो

पन्नों पर पन्ने अब किसी प्रकार के लेख से भर दो

कक्कू कवि जि़ंदगी है यह बस में उसी इंसान के

वक्त रहते जो बदलती दुनिया में मौके को पहचान ले

(शेगांव - 20 नवम्बर 2001)

3 views

Recent Posts

See All

महापर्व

महापर्व दोस्त बाले आज का दिन सुहाना है बड़ा स्कून है आज न अखबार में गाली न नफरत का मज़मून है। लाउड स्पीकर की ककर्ष ध्वनि भी आज मौन है।...

पश्चाताप

पश्चाताप चाह नहीं घूस लेने की पर कोई दे जाये तो क्या करूॅं बताओं घर आई लक्ष्मी का निरादर भी किस तरह करूॅं नहीं है मन में मेरे खोट...

प्रजातन्त्र की यात्रा

प्रजातन्त्र की यात्रा यात्रा ही है नाम जीवन का हर जन के साथ है चलना विराम कहॉं है जीवन में हर क्षण नई स्थिति में बदलना प्रजातन्त्र भी...

Comments


bottom of page