top of page

सूत्री सरकार

  • kewal sethi
  • Aug 15, 2020
  • 2 min read

सूत्री सरकार


परदेश से आये एक दोस्त ने चाही यह जानकारी

कैसी चल रही है यह सूत्री सरकार तुम्हारी

हम समझ नहीं पाये इन के कहने का क्या है मुद्दा

करते हैं शब्द का इस्तेमाल कुछ सोच समझ कर

सरकार तो हमारे यहाँ श्री राजीव गाँधी की है

प्रधान बदल गया हो पर अभी भी यह काँग्रैसी है

लहज़ा इस ओर हम ने ध्यान उन का दिलाया

हमारे यहाँ भी डैमोक्रसी है यह भी बतलाया

की अर्ज़ हम ने इस तरह हमारी छवि न बिगाड़ो

तब कहा उन्हों ने हमारी बात इस तरह न टालो

हर सरकार की एक नीति होती है एक प्रोग्राम होता है

दिये जाते हैं आदेश उन का पालन करना होता है

पर तुम्हारे देश में काम नहीं सिर्फ सूत्र हुआ करते हैं

उन्हीं से तुम्हारी प्रगति के बड़े बड़े एहलान होते हैं

वन विकास के लिये यहाँ पर चाौदह सूत्र बनाये जाते हैं

अगर करना हो कृषि का विकास तो वहाँ भी सूत्र बनाते हैं

ऊर्जा की बात हुई कि 12 सूत्र की बात आ ही जाती है

गर हो राष्ट्रीय एकता समिति की कहानी यही दौहराई जाती है

जिस तरफ देखें हम वही माहौल पाया जाता है

दिन रात सूत्रों का ही गुण गाण गाया जाता है

सब से शीर्ष पर है बीस सूत्री प्रोग्राम तुम्हारा

दिन रात टी वी पर देखा जाता है इसी का बोल बाला

जिसे देखो जपता है बस इस प्रोग्राम की माला

और कुछ नहीं बस इस का प्रचार है काम सरकारी

सूत्र ही रह गये हैं अब काम की नहीं है ज़िम्मेदारी

फिर क्यों न कहें इसे हम सूत्री सरकार तुम्हारी


(भोपाल 10.9.86 बीस सूत्री समिति की बैठक के बाद

संदर्भ स्पष्ट है। आपात काल में संजय गाँधी के चार सूत्री तथा सरकार के बीस सूत्री कार्यक्रम के धुआँधार प्रचार के बाद सभी मंत्रालयों ने इस बात के महत्व को समझा और हर एक अपने अपने सूत्र निकालने लगा। संदर्भवश संजय गाँधी और इंदिरा गाँधी कार्यक्रम को मिला का फोर एण्ड टवैण्टी कार्यक्रम कहा जाता था।)

Recent Posts

See All
व्यापम की बात

व्यापम की बात - मुकाबला व्यापम में एम बी ए के लिये इण्टरव्यू थी और साथ में उस के थी ग्रुप डिस्कशन भी सभी तरह के एक्सपर्ट इस लिये थे...

 
 
 
दिल्ली की दलदल

दिल्ली की दलदल बहुत दिन से बेकरारी थी कब हो गे चुनाव दिल्ली में इंतज़ार लगाये बैठे थे सब दलों के नेता दिल्ली में कुछ दल इतने उतवाले थे चुन...

 
 
 
अदालती जॉंच

अदालती जॉंच आईयेे सुनिये एक वक्त की कहानी चिरनवीन है गो है यह काफी पुरानी किसी शहर में लोग सरकार से नारज़ हो गये वजह जो भी रही हो आमादा...

 
 
 

Comments


bottom of page