top of page
kewal sethi

स्कूटर बीमा का नवीनीकरण

स्कूटर बीमा का नवीनीकरण


गत दिन स्कूटर बीमा का नवीनीकरण करने का सोचा। बजाये किसी एजेंट को बुलाने के स्वयं ही कार्यालय चला गया। जैसे ही कार्यालय में दाखिल हुआ, उस में एक महिला बैठी थीं। उन से पूछा कि मुझे नवीनीकरण के लिये किस से बात करना हो गी। उन्हों ने अन्दर के कमरे में एक सरदार जी के पास जाने को कहा। उन से सम्पर्क साधा। उन्हों ने एक और अन्दर के कमरे में मैडम से मिलने को कहा।

अन्दर के कमरे में एक ही महिला थीं। उन से बात की। उन्हों ने कहा कि अन्दर बाबू से डाकैट निकलवा लूं। उस कमरे में गये तो दो व्यकित बैठे थे किन्तु वे बाबू नहीं थे। उन्हों ने बताया कि वह बाबू - दफतरी - अभी लंच से नहीं आया। लंच का समय तो पंद्रह मिनट पहले समाप्त हो गया था पर सिवाये प्रतीक्षा के कुछ नही कर सकता था। दस एक मिनट बाद बाबू जी तशरीफ लाये। उन्हों ने तुरन्त ही कार्रवाई की और डाकैट निकाल कर दिया।

डाकैट को ले कर उसी महिला के पास पहुंचा जिस ने उस के बारे बताया था। पर उस ने एक दूसरी महिला की ओर इशारा भर कर दिया (वह स्वयं फोन करने में व्यस्त थीं)। उस महिला को डाकैट दिया। उस ने डाकैट को देखा, पुरानी पालिसी, जो मैं ले गया था, से परखा और एक अन्य महिला की ओर जाने को कहा। हम वहां खड़े हूए। वह महिला क्म्पयूटर पर व्यस्त थीं। प्रतीक्षा की पर इतने में एक दूसरे सज्जन आ गये तथा उस ने कहा कि वह देख ले गा। उस ने कम्प्यूटर पर से कुछ कागज़ मुद्रित किये तथा कहा कि इस पर जिस महिला ने भेजा था (जो सामने की मेज़ पर ही थीं), उस को दे दें। उसे कागज़ दिये। उस ने दस्खत किये तथा कहा कि 570 रुपये खज़ांची के पास बाहर के कमरे में जमा करा दूं।

खज़ांची किसी काम में था पर थोड़ी देर बाद वह मुखातिब हुआ तथा पैसे लिये। रसीद दी और साथ के बाबू की ओर जाने को कहा। उस ओर गये तो उस ने कुछ कागज़ मुद्रित किये और कहा कि इन पर अन्दर के कमरे में मैडम के हस्ताक्षर करा लूं। अन्दर कमरे मे जा कर मैडम को कागज़ दिये। उस ने हस्ताक्षर किये तथा अन्दर दफतरी के पास टिकट लगवाने के लिये कहा। अन्दर गये। दफतरी ने टिकट और मुहर लगाई। पालिसी को लिफाफे में बन्द किया। तब तक आदत हो चुकी थी इस कारण पूछ लिया कि अब कहां जाना हैं पर उस ने बताया कि काम हो गया है।

यह कहना आवश्यक है कि सभी कर्मचारी - महिला एवं पुरुष - बहुत सज्जन प्रकार के थे। किसी ने जान बुझ कर विलम्ब करने का प्रयास नहीं किया। फोन इत्यादि तो चलते रहते हैं। पर पूरी प्रक्रिया में एक घण्टा पांच मिनट लग गये।

2 views

Recent Posts

See All

Decline in indian textile industry

Decline in indian textile industry (eighteenth century)   Prasannan Parthasarathi's works have made it possible to emphasize the key role...

on constitution day

on constitution day a great day. 75 years completed everyone is expected to go ga ga over the achievement. after all there has been  no...

directive principles

directive principles of the ridiculous parts of the constitution, the most laughable is the chapter on directive principle. just how this...

Comments


bottom of page