संदेशवाहक
यार बलदेव, तुम विद्या को जानते हो - रमेश ने कहा।
- उसे कौन नहीं जानता। ले दे कर कक्षा में दो ही तो लड़कियॉं हैं। और वह तो तुम्हारीे गर्लफ्रैण्ड है। तुम्हें पूछने की ज़रूरत क्यों आ पड़ी- बलदेव ने कहा।
- गर्लफ्रैण्ड थी, अब नहीं है।
- नई मिल गई क्या?
- नहीं, उस ने ही बायकाट कर दिया।
- होता रहता है। वह गाना है न - सुबह को झगड़े, शाम को मान गये।
- नहीं, इस बार मामला अधिक संगीन है।
- तो?
- ऐसा है कि उस की एक किताब मेरे पास है। उसे वापस करना है।
- इस में दिक्कत क्या है। चुपके से उस डैस्क पर रख दो, जहॉं वह बैठती है। किस्सा खत्म।
- और जो मेरी स्वैटर उस के पास है, उस का क्या?
- स्वैटर? अब यह कैसे हो गया।
- अरे ऊन मैं ने दी थी, वह तो उसे बुन रही थी। अब तक बुन चुकी हो गी।
- अब मेरा क्या रोल हो गा इस प्रेम कथा में या विरह कथा में। सीधे सीधे बोलो।
- तुम्हारी तो बोल चाल है उस से। बस किताब दो और स्वैटर मॉंग लो।
- और उस ने बुनने की मज़दूरी मॉंगी तो। मैं तो अपने पल्ले से देने से रहा।
- ऐसा वह नहीं करे गी।
- क्यों मामला इतना संगीन नहीं है क्या? अभी तो तुम इसे संगीन बता रहे थे।
- फिर तुम क्या सुझाते हो।
- जेब ढीला करो। साठ एक दे दो। जितने मॉंगे गी, उतना दे कर बाकी वापस।
- और अगर उस ने नहीं लिये तो?
- चाय के लिये बीस रख कर वापस ।
- आ गये अपने पर। यह उम्मीद नहीं थी तुम से। इतने सालों से मेरे जमायती हो।
- सब कुछ मुफ्त चाहते हो। स्वैटर भी।
- मजबूरी का नाम महात्मा गॉंधी। ठीक है।
और उस के बाद बलदेव ने विद्या से बात की। मौके का फायदा उठाया।
- विद्या, तुम से बात करनी है।
- कैसी बात?
- प्रेम की
- क्या, तुम भी?
- अपनी नहीं, रमेश की। अभी तक तड़प रहा है।
- कॉंप भी रहा हो गा। इस लिये स्वैटर मॉंगी है।
- हैं, तुम्हें पहले से ही पता है। केसे?
- इसी लिये तो तड़प रहा है। वरना मैं कौन और वह कौन। परले दर्जे का मक्कार।
- तुम ही उसे ठीक से जानती हो। मेरी इतनी जानकारी नहीं है।
- तो तुम्हें चुना है इस काम के लिये। क्यों?
- क्या पता? मैं तो बस दोस्ती के नाते आ गया।
- स्वैटर तो मैं दे दूॅगी। कोई प्राब्लम नहीं। पर एक बात है।
- क्या?
- उस से कहना कि जो होना था, सो हो गया। हॉं, एक बात और, तुम बहुत अच्छे सन्देशवाहक हो।
- शुक्रिया। अच्छे बुरे का नहीं पता। मैं तो केवल सन्देशवाहक हॅं। फिर जैसा तुम्हें लगे।
- तो मेरा भी सन्देश देना उसे। कहना कि मुझे नया ब्वासफ्रैण्ड मिल गया है।
- कौन है वह?
- जल्दी ही जान जाओ गे। स्वैटर के लिये मिलना।
- कब?
- परसों।
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