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विदाई भाषण

  • kewal sethi
  • Jul 21, 2020
  • 1 min read

विदाई भाषण


दोस्तो

आज इस लिये हम ने सजाई है यह बज़्म

पूरी कर सकें हम एक प्यारी सी रस्म

मुíत से है यह रीत चली आर्इ

जाने वाले को मिल कर देते हैं विदाई

बघार्इ भी देते हैं विदा के साथ साथ

सेवा काल को किया बहुत कामयाबी से पार

जनाब गुप्ता ने बख्शा है हर मुकाम को नया रुतबा

रहे खुश मिज़ाज़ हमेशा न हुए किसी से खफ़ा

जनाब चारी की हर बात थी काबिले एहतराम

सुलझे नोट, पाये की बातें, सुन्दर हर काम

जनाब जे पी आर्इ ने ऐसे गुज़ारा सेवाकाल का हर पल

जैसे पानी में हमेशा रहता है अनछुआ कमल

तारीफ क्या करें हम जनाब एम एस खान की

अच्छा था काम जैसा वैसी ही नियत भी पाक थी

गो आ न सके जनाब बानी इस महफिल में आज

लेकिन उन की भी हमें आती है याद

पेश करें क्या अपनी दुआवों के सिवा हज़रात को

खुशो खुर्रम रहें हमेशा मय अपनी शरीके हयात के

जैसे गुज़री है हंसी खुशी अभी तक आगे भी गुज़र जाये

हमेशा स्वस्थ सुन्दर एकिटव जि़दगी आप बितायें

अर्ज है आखिर में केवल और उस की वाईफ की

करते हैं दुआ मिल कर सब आप की लम्बी लाईफ की


(7.10.92

भारतीय प्रशासन सेवा संघ को कभी कभी जोश आता है और वह सेवा निवृत हो रहे लोगों के लिये विदार्इ पार्टी का आयोजन करता है। ऐसा सब के लिये नहीं होता। 1992 में यह हुआ तो एक साथ कई लोगों को विदाई दी गई। उन के नाम तो आ ही चुके हैं। यह कविता लिखी तो गई पर पढ़ी गई या नहीं यह याद नहीं। पर यह न मानें कि इस में सच ही सच बोला गया है।)

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