राजीव गांधी जि़ंदाबाद
(कांग्रैस आई नेता श्री बसंत साठे ने एक असामान्य उत्तर दिया। पूछा गया था कांग्रैस शासन का क्या कार्यक्रम है। उन का अनापेक्षित उत्तर था ''राजीव गांधी जि़ंदाबाद। इसी पर तीन प्रयास)
प्रथम प्रयास
बड़े आदमियों की बड़ी बात हम क्या समझ पायें
दो शब्दों में वो तो पूरा फल्सफा बतला जायें
कह रहे थे उस दिन बिरला मंदिर में स्वामी अगिनवेश
'आत्मा नश्वर नहीं बस यही गीता का है संदेश
'लयाकत योग्य काम ओर ज़रूरत मुताबिक दाम
माकर्स के इन शब्दों में था साम्यवाद का प्रोग्राम
शायद इसी दर्जे में आये गा श्री साठे का यह संवाद
सरकार का प्रोग्राम बस एक 'राजीव गांधी जि़ंदाबाद
द्वितीय प्रयास
भागता है शहर को जब गीदड़ की मौत आती है
दबता है जब ट्रिगर, गोली चल ही जाती है
इस ज़माने में भी कुछ लोग अक्ल के दुश्मन होते हैं
खुद अपनी नैया में कर के सुराख उस को डुबोते हैं
कहें के के कवि वरना क्यों कहते साठे यह संवाद
सरकार का प्रोग्राम बस एक 'राजीव गांधी जि़ंदाबाद
तृतीय प्रयास
सुना है कि साठे पर जल्दी ही मुकद्दमा चलाया जाये गा
खबर है कि उन पर बहुत बड़ा इलज़ाम लगाया जाये गा
देश द्रोह से कम नहीं माना जाये गा उन का यह ब्यान
'राजीव गांधी जि़ंदाबाद' है सरकार का बस एक प्रोग्राम
कहें के के कवि इस तरह के लोग मौत के हकदार हैं
स्टेट के सीक्रेट को जो बताते इस तरह सरे बाज़ार हैं
(9.4.86)
コメント