भारत के गणितज्ञ एवं उन की रचनायें
भारत में गणित एवे खगोल शास्त्र ज्ञान को तीन चरणों में देखा जा सकता है।
1. वैदिक काल जिस में सुलभशास्त्र तथा अन्य कृतियॉं लिखी गईं।
2. आर्यभट तथा उन के शिष्य एवं समकालीन गणितज्ञ
3. केरल के माधव तथा उन के शिष्य। इन का काल तेरहवीं से सौलचीं शताब्दि तक रहा।
कुछ गणिज्ञों के नाम तथा उन की रचनायें इस प्रकार हैं
1. नारायण पंडित गणितकोमुदी
2. वराहमिरि पंचसिद्धॉंकिा
3. भास्कराचार्य सिद्धॉंतशिरोमनि
4. भास्कराचार्य सूर्यसिद्धॉंत
5. बोघायण सुलभसूत्र
6. नीलकंठ सोमायाजी तन्त्रसंग्रह
7. जयेष्ठदेव गणित युकितभाष्य
8. जयेष्ठदेव युक्तिभाष्य
9. रामवर्मा तमपूरन युक्तिभाष्य व्याख्या
10. भास्कर द्वितीय लीलावती
11. भास्कर द्वितीय बीजगणित
12. भास्क्र द्वितीय गणितपद
13. नीलकंठ ज्योतिमीमांसा
14. नीलकंठ सिद्धॉंतदपर्ण
15. नीलकंठ आर्यभटयाभाष्य
16. शंकर युक्तिदीपिका
17. आर्यभट
18. वराहीरामित्र पंचसिद्धॉंत
19. ब्रह्मगुप्त खण्डखद्याय
20. ब्रह्मगुप्त ब्रह्मस्फुटसिद्धॉंत
21. पिंगल छन्दसूत्र
23. माधव गोविन्दास्वामी
24. शंकर नारायणन लघुभास्करीयविवरण
उपरोक्त सूची पूर्ण नहीं है। जो नाम दिये गये हैं वह कालानुसार नहीं हैं।
आर्यभट पॉंचवीं शाताब्दि के हैं भास्कर प्रथम छटी शताब्दि के; भास्कर द्वितीय बारहवीं के; ब्रह्मगुप्त सातवीं के; नारायण पण्डित चौदहवीं के; माधव (जिन की कृति नहीं है पर जो नीलकंठ इत्यादि के गुरू थे) चौदहवीं शताब्दि के; नीलकंठ पंद्रहवीं के; ज्येष्टदेव पंद्रहवीं कै बताये गये है।
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