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kewal sethi

बंगलादेश

बंगलादेश


मैं ने देखा

इक छोटा लड़का

इक बड़े लड़के से पिटता रहा।

बहुत से लोगों ने देखा

पिटने वाले से हमदर्दी भी जताई

इंसाफ के नाम की दी भी दुहाई

लेकिन बड़े लड़के को रोकने के लिये

उन के हाथ नहीं उठे

उन के कदम नहीं बढ़े।

मैं ने भी शोर मचाया

दूसरे लोगों को उकसाया

ललकारा

चिल्लाया।

लेकिन छोटा लड़का पिटता रहा

शायद बड़ा लड़का किसी बड़े का रिश्तेदार था

न जाने क्यों

मेरा ध्यान बंगलादेश की तरफ चला गया।

(भोपाल - 18.7.70 जब बंगलादेश में स्वतन्त्रता संग्राम शुरू ही हुआ था। )


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