top of page
  • kewal sethi

पसन्द का कमरा

पसन्द का कमरा


‘‘देखिये] हमें एक कमरा चाहिये, एक रात के लिये’, कल हमें मनाली जाना है’ - नितिन पुरी ने होटल कर्लक से कहा।

‘‘ क्या मैं आप की आई डी देख सकता हूॅं’’

आई डी देखी गई।

कलर्क - और मैडम की

आई डी देखी गई।

कलर्क – देखिये, हमें अफसोस है कि हम एक दिन के लिये कप्पल को कमरा नहीं दे सकते’’।

नितिन - पर हम तो शादी शुदा हैं।

कलर्क - देखिये आप नितिन पुरी हैं। यह आभा श्रीवास्तव। नाम तो क्या, जाति भी नहीं मिलती। आप मैरिज सर्टिफिकेट दिखा दें तो कोई दिक्कत नहीं’’

नितिन - पर मैरिज सर्टिफिकेट तो हम लाये नहीं’’

आभा & मैं ने पहले ही कहा था कि मैरिज सर्टिफिकेट रख लो पर तुम सुनते कहॉं हो] अपनी ही करते हो’’ यह श्रीमती आभा श्रीवास्तव का कथन था।

कलर्क - कोई बात नहीं] सर्टिफिकेट नहीं] तो शादी की फोटो ही दिखा दें। कुछ प्रमाण तो हमारे रिकार्ड में होना चाहिये।

आभा - हॉं यह ठीक है। अलबम ही दिखा दें।

नितिन - अलबम दिखाने का क्य फायदा। उस में तुम्हारी फोटो है ही कहॉं।

आभा -इतनी तो खैंची थीं। गई कहॉं?

नितिन - तुम तो गठरी बनी बैठी थीं। एक में भी चेहरा नही हैं। दुल्हन कोई भी हो सकती है। इस से कुछ प्रूव नहीं हो गां।

आभा - और तुम तो जैसे चहक रहे थे। फुदक रहे थे। चेहरा ढका हुआ था। पता नहीं किस मूर्ख ने ऐसा सेहरा बनाया था।

नितिन - तो अब करें क्या।

आभा - रिसेप्शन की अल्बम ही दिखा दो। शायद उस से काम बन जाये।

नितिन - कोई फायदा नही। एक साथ फोटो उस में कहीं नहीं। पता नहीं कहॉं कहॉं से लोग आ रहे थे जिन से घिरी हुई थी। और अपनी सब सेहलियॉं मेरी तरफ भेज दी थीं।

आभा - तुम कृष्ण कन्हेया हो न। सब तुम्हें घेरी हो गी। और मैं कलमुॅंही हूॅं जिस की फोटो ही नहीं है।

नितिन - वह कौन थी जिस ने लाल रंग का गरारा पहना हुआ था। बोल रही थी किस बन्दर को पकड़ लाये हैं।

आभा - ज़्यादा झूट तो नहीं था। शकल ही ऐसी थी जैसे सकर्स से ले कर आये हों।

नितिन - बस अब अधिक मत बुलवाओ। कहने पर आ जाऊँ गा तो मुश्किल हो गी।

आभा - मुश्किल किस की हो गी, यह देख लेना। पर अभी मेरी फोटो तो दिखलाओ अलबम में।

नितिन - फोटो ग्राफर ने ठीक से खैंची हो तो दिखाऊँ। पता नहीं कौन सा नौसिख्यिा था। फोकस तक नहीं कर पाता था।

कर्लक – मैडम] मैं कुछ कहूँ।

आभा - तुम भी कह लो भाई। सब तो कहते ही हैं, तुम्हारी ही कसर है।

कलर्क – मैडम] कौन सा कमरा पसन्द करें गी।

आभा - इन्हीं से पूछो। मेरी कहॉं चलती है।

कलर्क - नहीं मैडम] आप को पसन्द कर लिया तो आप का चुना हुआ कमरा भी पसन्द आये गा।

15 views

Recent Posts

See All

रिश्वत शर्मा जी, आप की मदद चाहिये। मुझे ज़रूरी तौर पर लखनउ जाना है। अचानक प्रोग्राम बना है और रिज़र्वेशन का सवाल ही नहीं है। - अरे, आप क्यों फिकर करते हैं। आखिर हमारी काबलियत और किस दिन काम आये गी। किस

पहला प्यार पहली नज़र में ही उसे प्यार हो गया। हाई नेक्ड लाल गले तक की कमीज़ में वह इतनी मनमोहक लग रही थी कि और कोई चारा ही न था। और जब वह मुस्कराई तो प्यार और गहरा हो गया। वह एक आई आर एस का अधिकारी था।

यह कहानी मैं ने जाने कौन से मूड में और कौन से समय में लिखी थी। यह पक्का है कि उस समय मेरे पास कंप्यूटर नहीं था और इसे टाइपराइटर पर ही टाइप किया था। मतलब वह सत्तर की दशक (मेरी नहीं, शताब्दी की) की हो ग

bottom of page