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नियुक्ति

  • kewal sethi
  • Jul 28, 2020
  • 1 min read

नियुक्ति


(दिल्ली से लौटे श्री जे के सिब्बल को लगभग ४५ दिन तक कोई पद ही नहीं मिला। पद मिले गा तो भोपाल में होगा या बाहर, इस सोच में मकान भी नही मिला। बेकार, खाना बदोश जि़ंदगी। इसी दौरान एक दिन)


मैं ने कहा सुनती हो आज की नई बात

उम्मीद न थी जिसकी हो गई है वही बात


क्यों तुम वहां से बैठे बैठे व्यर्थ ही चिल्लाते हो

क्या हुआ सही सही क्यों नहीं बतलाते हो

क्या गद्दाफी ने इसराईल से कर लिया समझौता

या जि़या ने कश्मीर के सवाल से कर ली तौबा

क्या डालर अब यैन से बाज़ी गया मार

या रूस ने ओलम्पिक का किया चक्का जाम

क्या कम हो गई कीमतें हिन्दुस्तान में

या अध्यक्ष प्रणाली आ गई इंगलिस्तान में


यह बातें तो होती रहें गी आज नहीं तो कल

समय पा कर सारे निज़ाम जाते हैं बदल

अपनी मुद्दे की बात सुनो तुम अपना कलेजा थाम

सिब्बल साहब को मिल गया वल्लभ भवन में काम


(१४.६.८०)

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