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  • kewal sethi

दोषी कौन

दोषी कौन


मंच पर आसीन व्यकित की भाषा थी ज़ोरदार

उन के अंदेाज़े ब्यां में भी था गज़ब का इज़हार

हिन्दी बढ़ नहीं पाई देश में यह सभा का था विषय

किस किस को दोष दें इस पर लिया जाना था निर्णय


जनता के प्रतिनिधि हैं हम उन की कहना हमारा अधिकार

हम ने हर मंच से की है कड़े शब्दों में इस के लिये पुकार

समाचार पत्रों, पत्रिकाओं के माध्यम से हम करते रहे ललकार

बोले वे जो थे लम्बे समय से कई विभिन्न पत्रों में पत्रकार


हम तो स्वयं सेवक थे, सब बहुत उत्तम हमारे विचार

किसी की हां न से, पूछ परख से कहां था हमें सरोकार


गरज़ सभी के सभी थे जोश में, तर्क सभी के दमदार

पर दोषी कौन है इस पर भी तो करना था विचार

समझ में न आया कुछ तो व्यूरोक्रैट नज़र आया

इस को ही उत्तरदायी ठहरायें यह उन के मन भाया

कोई नहीं था मंच पर जो करता इस का प्रतिकार

सभी ने कर लिया एक मत से इस बात को स्वीकार

खुश हो लेते हैं सब वक्ता दोष किसी पर टाल कर

कहें कक्कू कवि, देखता है कौन अपने गरेबां में झांक कर


16.6.2012


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