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  • kewal sethi

दिलेरी औेर गरीबी रेखा

दिलेरी औेर गरीबी रेखा


आज दोपहर की बैठक में दिलेरी बहुत खुश खुश था। इतना खुश कि सब के लिये मिठाई भी लाया था। खुशी का कोई कारण दोस्तों की समझ में नहीं आ रहा था। अगर महंगाई भत्ता बढ़ता तो सब का बढ़ता, अकेले दिलेरी का थोड़े ही बढ़ता। लाटरी का भी सवाल नहीं था क्योंकि उस का चलन तो कई चर्ष पूर्व समाप्त हो गया था। हो सकता है कि क्रिकेट के मैच पर सट्टा लगाया हो पर दिलेरी ने कभी क्रिकेट के बारे में बात नहीं की थी। उन्हें यह भी पता था कि दिलेरी की चाची, बुआ, मौसी सब मिडिल क्लास वाले थे। किसी के द्वारा लम्बी चौड़ी रकम छोउ़ने का सवाल हीं नहीं था। फिर उस की खुशी का राज़ क्या था, यह सब मन ही मन सोच रहे थे। और आखिर उन्हें दिलेरी से ही कारण पूछना पड़ा।


दिलेरी ने सादा सा कारण बताया। उस की बीवी तलाक देने पर राज़ी हो गई है।


दिलेरी और उस की बीवी में मन मुटाव हो, यह उन के ख्याल में तो नहीं था। बल्कि वह तो कई बार उस के खाने की तारीफ भी करता था। उस के दोस्त भी इस का लुत्फ उठा चुके थे अतः यह कारण तो उन्हें सही नहीं जाना पड़ता था।

— क्या बीवी मैके वली गई, एक ने जिज्ञासा की। ‘

— वह क्यों मैके जाये गी। यहॉं क्या कमी है। अच्छी भली ग्रहस्ती है’’ - दिलेरी ने कहा।

— आज सुबह खाना मिला, एक और का प्रश्न था।

पर खाना तो मिला था, उस में कोई शक नहीं था, नहीं ते कण्टीन से न मंगाता।

— ‘आज रात ताके कहॉं रहो गे, एक ने जानना चाहा।

- ‘अपने घर में, और कहॉं’।

- और बीवी।

- उसी का तो घर है। और कहॉं जाना है।

- तो फिर यह तलाक का क्या चक्कर हे?

-यह सब सरकार की माया है।

- मतलब?

- सरकार ने कहा है कि गरीबी रेखा के नीचे वालों का पैंतीस किलो अनाज मुफ्त दिया जाये गा। अब तलाक के बाद उस की तो कोई इंकम हो गी नहीं। तो वह गरीबी रेखा के नीचे आ जाये गी और अनाज से घर भर जाये गा। और एक हज़ार रुपया महीने का अलग से मिले गा।

- रहे गी कहॉं।?

- वहीं, एक कमरा उस के नाम, एक मेरे नाम।

- सरकारी क्वाटर्र है। ऐसा नहीं कर पाओ गे।

- सरकार को बताये गा कौन। सिर्फ सूबे की सरकार को बताना है और कागज़ दिखाना है। वह रामदीन है न। खुद झुग्गी में रहता है, कवाटर्र किराये पर दे रखा है।

- अरे वह तो लोअर क्लास है, तुम तो मिडिल कलास हो।

- यह लोअर क्लास की बात नहीं हैं। अण्डर सैक्टरी भी तो छड़ा है और सर्वैंट क्वाटर्र किराये पर दे रखा है।

- और तलाक भी तो अपर क्लास की बात है। अमरीका में देख लो। कितने तलाक होते हैं तो दिलेरी किस क्लास में है, सोचो — एक दोस्त ने कहा।

- पर यह बताओं, तलाक के बाद बीवी का गुज़ारा कैसे हो गा। एक हज़ार तो आज कल के ज़माने में बहुत कम होते हैं। और बाकी खर्च।

- अब तलाक हुआ है तो गुज़ारा भत्ता तो देना पड़े गी ही।

- तन्खाह तो तुम पहले से ही उस को थमा देते थे। नया क्या हुआ।

- पहले धर के खर्च के लिये था, अब गुज़ारा भत्ता हो गा।

- यानि चारों उंगलिया घी में

- और सर कड़ाही में

- खुश किस्मत हो यार कि बीवी मान गई। हमारी वाली तो तलाक का नाम लेने पर चप्पल उठा लेती।

- तरीके से फायदे समझाना पड़ता है। अपनी कौन आराम से मान गई थी।

- चलिये हम भी कोशिश कर के देखते है।ं हमारे मरने के फायदे तो बीमा वाला बीवी को बताता है, हम उसे तलाक के फायदे बतायें गे।


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