दिलेरी और लाल बत्ती
आज दिलेरी की साईकल एक स्कूटर वाले से टकरा गई। नहीं, ऐसा नहीं हुआ। दर असल स्कूटर वाले ने दिलेरी की साईकल को टक्कर मार दी। पर अपने प्यारे देश में कसूर उस का नहीं होता तो गल्ती करे। कसूर उस का होता है जो पहले आक्रमणकारी नहीं होता है। इस नीति का अनुसरण करते हुये स्कूटर वाले ने चिल्लाना आरम्भ कर दिया -
- पता नही इन साईकल वालों को क्या हो गया है। ठीक जगह पर साईकल भी खड़ी नहीं कर पाते।
दिलेरी ने भी जवाब देना मुनासिक समझा। बोला
- श्रीमान, आप को स्कूटर चलाना आता है क्या या फोकट में ही लाईसैन्स ले लिया। और ले ही लिया तो यह तो पता होना चाहिये कि स्कूटर कहॉं चलाया जाता है।
- तुम ने क्या ठेका ले रखा है कि बताओं कि स्कूटर कहॉं चलाना है। पता नहीं कहॉं से चले आते हैं।
अब यहॉं थोड़ा सा वाक्ये को समझाना पड़े गा।
हुआ यह था कि लाल बत्ती होने पर दिलेरी रुक गया था। स्कूटर वाले ने लाल बत्ती देखी और आगे गाडिषों की लाईन देखी तो सभी स्कूटर वालों की तरह उस ने सड़क किनारे बनी पैदल चलने वालों के लिसे बनाये गये प्लेटफार्म पर स्कूटर चढ़ा दिया। तीन चार गाडियों को लॉंधने के पश्चात जब गुंजाइ्रश नहीं दिखी तो स्कूटर को नीचे उतारा। उसी उतारने के चक्कर में वह स्कूटर को नहीं सम्भाल पाया और दिलेरी की साईकल से स्कूटर टकरा गया।
दिलेरी के द्वारा अपनी गल्ती न मानने पर स्कूटर वाले को ताव आ गया। अपना हैल्मट उतार कर वह बाकायदा झगड़े के मूड में आ गया। कुछ हिस्सा ऊपर लिख दिया है। बाकी पेश हैं
- स्कूटर वाले बोलेे
- साईकल ठीक से खड़ी नहीं कर पाते और हमें लाइ्रसैन्स दिखाने को कहते हो।
- दिखाने को नहीं कहा। मैं ने सिर्फ पूछा था कि लाईसैन्स रिश्वत दे कर लिया या स्कूटर चला कर दिखाया। नियम सीखे यह किसी और ने तुम्हारे नाम से इम्तहान दिया।
पीछे एक स्कूटर वाला खड़ा था जो परेशान हो रहा था क्योंकि उसे भी प्लेटफार्म से अपना स्कूटर नीचे उतारना था। वह सोच रहा था कि आगे वाला बढ़े तो वह भी अपना स्कूटर नीचे उतारे। उस ने भी स्कूटर वाले के प्रति सहाुभूति जताते हुये कहा।
- अजी साहब, साईकल वाले तो समढते है कि सारी सड़क उन्हीें की है। जहॉं मर्ज़ी खड़ी कर दी।
- और स्कूटर वाले समझते हैं कि सड़क के साथ साथ प्लेटफार्म भी उन्हीं का है।
मामला यहीं तक बढ़ पाया कि सिग्नल की बत्ती हरी हो गई। स्कूटर वाले ने जल्दी से अपना स्कूटर ब़ढ़ाया और यह जा, वह जा।
दिलेरी ने भी पैडल मारे और दफतर की ओर चल पड़ा।
पर स्कूटर वाला ज़्यादा आगे नहीं जा पाया। पुलिस वाले ने रोक लिया। असल में जल्दी में वह अपना हैल्मट पहनना भूल गया था।
अपना बचाव करने के लिये उस ने दिलेरी को भी रोक लिया जो तब तक उस के पास आ गया था। उस ने पुलिस सिपाही को बताया कि यह सब गल्ती इसी साईकल वाले की है। न यह साईकल वहॉं ंरोकता, न मैं हैल्मट उतारता। चालान इस का होना चाहिये।
पुलिस वाला ताव खा गया। बोला - एक तो गल्ती करते हो और दूसरे साईकल वाले को परेशान करते हो। मैं देख रहा था तुम प्लेटफार्म पर स्कूटर चढ़ाये थे। अब डबल चालान काटता हूॅ।
और दिलेरी को कहा - तुम तो जाओं बाबू। दफतर को देर हो रही हो गी। इस को मैं सम्भाल लूॅं गा।
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