दिलेरी और राम चन्द्र
बैठक में किसी ने कहा, रामचन्द्र वापस आ गये।
- क्यों कितने दिन की छुट्टी पर था।
- अरे, मैं उस रामचन्द्र की बात नहीं कर रहा।
- और कितने रामचन्द्र हैं अपने दफतर में
- पागल हो, मैं दफतर की बात नहीं कर रहा। मैं अयोध्या की बात कर रहा हूॅं।
- ओह, भगवान राम की। तो ऐसा बोलो न। पर वह गये कहॉं थे जो वापस आ गये।
- यह लाक्षणिक भाषा है।
- मतलब
- मतलब यह कि केवन किसी बिन्दु को स्पष्ट करने के लिये ऐसा कहा जाता है।
- यानि कि सीधे बात न कह कर उलटी बात कहते है ताकि सीधी बात समझ में आ जाये।
- सही समझे
- जैसे हमारेे दफतर में होता है। वज़न रखने से फाईल की रफतार बढ़ती है।
- समझने वाले तुरन्त समझ जाते हैं कि क्या कहा जा रहा है। और हम कहते भी नहीं।
- मतलब आ गये तो आ गये। अब कहीं जायें गे नहीं।
- सही समझे।
- चलिये हम भी वापस चलते हैं, अपने डैस्क पर। जहॉं के थे, वही रहें गे।
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