दिलेरी और कम्प्यूटर खरीदी
छुट्टी का दिन था। दिलेरी घूप का मज़ा ले रहा था। चार दिन के बाद तो सूरज के दर्शन हुये थे। बीवी को चाय का कह कर वह बैठा ही था कि पड़ौस के कपूर साहब वारिद हो गये। कपूर जी तो चाय पानी के समय आ ही जाते थे और उन को चाय पिलानी पड़ती थी जो दिलेरी को हमेशा बुरा लगता था क्योंकि कपूर खुद कभी चाय नहीं पिलाता था।
पर इस बार कपूर चाय पीने नहीं आया था। आते ही उस ने कहा - चलो दिलेरी, कम्प्यूटर खरीद कर आते हैं। दिलेरी का उठने का कतई मन नहीं था। जाड़े की धूप छोड़ कर जना मुश्किल ही होाता है पर पड़ौसी धर्म भी निभाना था। दिलेरी ने फौरन बीवी को आवाज़ दी - चाय रहने दो, मैं कपूर के साथ बाज़ार जा रहा हूॅं। चाय पिलाने से तो बचे।
दोनो मित्र बड़े से माल में पहुॅंचे जो एलैट्रोनिक का सामान ही बेचता था। वर्दी धारी व्यक्ति से पूछा कि कम्प्यूटर कहॉं मिलते है और उस के कहने के अनूसार प्रथम तल पर पहुॅंच गये। इधर उधर देखा। फौरन ही एक असिटैण्ट हाजिर हो गया।
- बताईये साहब जी, क्या लें गे।
- हम कम्पयूटर खरीदने आये हैं।
- आईये आईये, बहुत तरह के हैं आप को कौन सी कम्पनी का चाहिये।
- जो भी आप के पास हो पर अच्छा होना चाहिये।
- हमारा हर माल अच्छा ही होता है। यह देखिये।
- इस का की बोर्ड कहॉं है। यह तो खिलौना सा लगता है।
- यह टैबलैट है। की बोर्ड इस के अन्दर ही होता है।
घुमा फिरा कर देखा।
- यह खुलता कैसे है।
- यह खुलता नहीं है।
- फिर की बोर्ड कैसे निकले गा।
- आप यह बटन दबाईये, की बोर्ड आ जाये गा।
- यह है क्या?
- बताया न यह टेब्लैट है।
- पर हमें तो कम्प्यूटर खरीदना है।
- यह कम्प्यूटर ही है।
- अभी तो कह रहे थे, यह टेबलैट है। अब कम्प्यूटर बता रहे हो। और की बोर्ड भी नहीं है।
- रुकिये, आप को दूसरा माडल दिखाता हूॅ।ं
- अब यह क्या है।
- यह लैप टाप है। देखिये, की बोर्ड भी है।
- की बोर्ड दिख तो रहा है पर यह अलग कैसे होता है।
- यह अलग नहीं होता है। और देखिये, इसे घुमा देते है तो यह टेबलैट भी बन जाता हैं
- भई, हम कम्पयूटर देखने आये हैं। तुम पता नहीं क्या क्या दिखा रहे है। कभी टेबलैट, कभी लैप टापं।
- यह कम्पयूटर ही है। इस में स्टोरेज भी अधिक है।
- हमें कुछ स्टोर नहीं करना है। की बोर्ड से टाईप करना है। बस
तब तक वह सेल्स परसन काफी बौखला गया था। उस ने कहा -
- अच्छा ठहरिये, मैं अपने सीनियर को बुलाता हॅं। वह आप को समझायें गे।
यह कह कर वह अपने एक साथी को बुला लाया। उस को बताया कि यह साहब कम्प्यूटर खरीदना चाहते हैं। आप इन्हें बताईये, मैं ज़रा बाथरूम हो कर आता हूॅं।
यह कह कर वह खिसक लिया। एक दिन के लिये इतना काफी था।
अब सीनियर ने मोर्चा सम्भाला।
- हॉं तो आप को किस कम्पनी का कम्प्यूटर चाहिये। हमारे पास कोरियन भी हैं, चीनी भी, दूसरे भी।
- जो अच्छा हो, वह दिखाईये।
- सभी अच्छे हैं। यह देखिये यह कोरिया का है, बहुत बिकता हैं। सब से बढ़िया कम्प्यूटर है यह।
- कम्प्यूटर, वह तो इसे लैप टाप बता रहा था।
- हॉं हॉं वही। पर यह काम वही करता है।
- तुम तो ऐसे कह रहे हो, जैसे हम ने कम्प्यूटर कभी देखा ही न हो। सरकारी दफतर में काम करते है। वहॉं पर कम्प्यूटर भी हैं, एक नहीं बहुत सारे।
- देखिये आज कल वह बनने बन्द हो गये हैं। बहुत जगह घेरते है। एक जगह से दूसरी जगह ले भी नहीं जा सकते। इसे आप घर में रखो, दफतर ले जाओ। हल्का फुसका।
- हल्का फुलका। जो हवा में ही उड़ जाये। हमें इसे ले कर घूमना नहीं है। इस पर काम करना है।
हमें क्म्प्यूटर दिखाये जो वास्तव में कम्प्यूटर हो। खिलौने नहीं।
- मैं ने आप को बताया। अब वैसे बनने बन्द हो गये है और जो हैं, वह हमारे पास नहीं हैं। कहें तो उन की फोटो दिखा देता हूॅं। आर्डर दीजिये, चार छह रोज़ में आ जाये गा।
फोटो दिखाई गई।
- हॉं यह हुआ न कम्प्यूटर। कितने का है।
- यह सिर्फ दो लाख रुपये का।
- क्या मज़ाक करते हो।
- इस की स्पीड अधिक है न, इस कारण महंगा तो हो गा ही।
- हमें भागना थोड़े ही है। ठीक से दाम बताईये।
- यह तो सब से कम वाला है। इस से महंगे भी हैं। उन की फोटो दिखा सकता हूॅं।
- बहुत महंगे है।
- इसी लिये तो लैपटाप का चलन हैं यह लैप टाप आप को साठ हज़ार में मिल जाये गा। हिन्दुस्तानी लें गे तो और भी सस्ता हो गा। दिखाऊॅं।
- चलो जी दिलेरी। लगता है इन को इन खिलौनों में ही ज़यादा कमीशन मिलता है। इसी लिये इन की वकालत करते है। दूसरी दुकान देखते हैं।
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