कारन तथा परिणाम
"न बाग़ में आये गी मधुमक्खी और न जल कर मरे गा पतंगा " ,
"न रहे गा बांस न बजे गी बांसुरी , यह तो सुना था पर यह मधुमक्खी का क्या सम्बन्ध है पतंगे से "
"सोचना दूर की चाहिए . शतरंज के खेल में वो ही जीतता है जो आगे की दस चालों का अनुमान लगा कर चलता है . मधुमक्खी बाग में क्यों आती है ? फूलों का पराग चूसने . उस का क्या करती है ? उस से शहद बनाती है . फिर शहद के लिए मधुमक्खी के छत्ते को तोड़ा जाता है . इस से शहद निकला जाता है और जो बचता है , वो होता है मोम . मोम से मोमबत्ती बनायीं जाती है . जब मोमबत्ती जलती है तो पतंगा उस की और आकर्षित होता है और उस की लौ में जल कर मर जाता है . तो सीधी सी बात है - यदि परवाने की जान बचाना है तो मधुमक्खी को ही बागीचे में जाने से रोकना हो गा .
पुस्तक 'यह वो सहर तो नहीं ' - पंकज सुबीर - पृष्ट 82)
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