एक रुबाईkewal sethiJul 23, 20201 min readएक रुबाईमैं हो जाऊं बलिहार किसी परऐसा कोई हमारा नहीं दिखताजिस को देख कर मैं पूरी रात काट दूंऐसा कोई सितारा नहीं दिखता(होशंगाबाद - 1964)
व्यापम की बात व्यापम की बात - मुकाबला व्यापम में एम बी ए के लिये इण्टरव्यू थी और साथ में उस के थी ग्रुप डिस्कशन भी सभी तरह के एक्सपर्ट इस लिये थे...
दिल्ली की दलदलदिल्ली की दलदल बहुत दिन से बेकरारी थी कब हो गे चुनाव दिल्ली में इंतज़ार लगाये बैठे थे सब दलों के नेता दिल्ली में कुछ दल इतने उतवाले थे चुन...
अदालती जॉंचअदालती जॉंच आईयेे सुनिये एक वक्त की कहानी चिरनवीन है गो है यह काफी पुरानी किसी शहर में लोग सरकार से नारज़ हो गये वजह जो भी रही हो आमादा...
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