top of page

अन्याय

  • kewal sethi
  • Jul 4, 2020
  • 1 min read

अन्याय


कैमरे ने कर लिये कैद तीन मन्त्री देखते हुए अश्लील फोटो ।

इतनी सी बात पर मिल गया सब को मौका हाय तौबा मचाने का।।

विपक्षी दल शोर भी नहीं मचा रहे, बोर हो रहे थे बैठे बैठे बेचारे।

गाली गलौच करते रहते तो समय मिलता नहीं पलक झपकाने का।।

कैमरे वालों को बुलाया था कि विधान सभा की लेते फोटो।

पर क्या करें जब सदस्यों का था प्रयास सभी को सुलाने का।।

इधर उधर झांकते फिरते थे कि कौन क्या कर रहा है देखें।

उन को तो मज़ा आता है ऐसी कोई अलग बात बताने का।।

गई उन तीनों मंत्रियों की नौकरी, इस का बहुत गम है मुझे।

अवसर भी तो नहीं दिया असली मुजरिम को पकड़ाने का।।

कहें कक्कू कवि कसूर यह पूरा विपक्षी दल का है, इसे समझें।

सही में उन का निलम्बन ही उचित अन्त था इस अफसाने का।।


बंगलुरु 9.2.2012

Recent Posts

See All
व्यापम की बात

व्यापम की बात - मुकाबला व्यापम में एम बी ए के लिये इण्टरव्यू थी और साथ में उस के थी ग्रुप डिस्कशन भी सभी तरह के एक्सपर्ट इस लिये थे...

 
 
 
दिल्ली की दलदल

दिल्ली की दलदल बहुत दिन से बेकरारी थी कब हो गे चुनाव दिल्ली में इंतज़ार लगाये बैठे थे सब दलों के नेता दिल्ली में कुछ दल इतने उतवाले थे चुन...

 
 
 
अदालती जॉंच

अदालती जॉंच आईयेे सुनिये एक वक्त की कहानी चिरनवीन है गो है यह काफी पुरानी किसी शहर में लोग सरकार से नारज़ हो गये वजह जो भी रही हो आमादा...

 
 
 

Comments


bottom of page