- kewal sethi
अदला बदली
अदला बदली
चारु मजुमदार
तुझे लाल सलाम
खुशी हो गी तुम्हें यह जान कर
सरकार ने तुम्हें तुम्हारी ज़मीन का
(जो पिछले साल कुर्क का ली गई थी)
मुआवज़ा दे दिया है
और सरमायेदारों की तरह
तुम्हारी ज़मीन को भी
ज़र में बदल दिया है
ज़माना बदल चुका है
लूट मार के तरीके फिर क्यों रहें पुराने
लोग ऊब चुके हैं फसल का हिस्सा देते
(और उस ज़मीन में कुछ होता भी तो नहीं था)
अब नये तरीके अपनाना हों गे
कल पुरज़ों के लिये भी तो पैसे चाहिये
इस को जुटाने का तरीका
मुआवज़ा
खुश है दहकान कि उसे ज़मीन मिल गई
खुश सरमायेदार भी उसे रकम मिल गई
सरकार खुश है
मिल गई उसे आंकड़ों की दौलत
सब खुश हैं
इक नाम के बदल से
और लूट खसूट जारी है।
(भिलाई - 29.11.1970
चारु मजुमदार नक्सलपंथियों के प्रमुख नेता थे। पूर्व में वह ज़मांदार थे। भूमि सीमा अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण चल रहा था। जब वह भूमिगत हुए और उन की गिरफतारी के लिये इनाम घोषित था उसी समय इस प्रकरण का फैसला हुआ। सीमा से अधिक ज़मीन का मुआवज़ा दिया गया। देश के सम्पन्न वर्ग के समाचार पत्रों ने यह समाचार बड़े चाव से प्रकाशित किया था)